उत्तर प्रदेश अलीगढ़। अलीगढ़ की बाहर वाली मस्जिद जंगल गाढी साराय मियां आयोजित एहले कुरैश बिरादरी की एक मीटिंग बड़ी संख्या हुए लोग इकट्ठे महिलाओं भी बड़ी संख्या मौलाना मुफ्ती तारिक अयूब ने कहा कि आज हमारे समाज में शादी को बेहद मुश्किल बना दिया गया है।
शादी में फिजूलखर्ची और रस्मों रिवाज हावी हो गए है। दहेज की लानत के चलते हमारी जवान बेटियां घरों में बैठी हैं। वर्तमान में जरूरत इस बात की है कि शादी को इस्लाम के मुताबिक आसान बनाया जाए। उन्होंने इसमें उलमा तारीख अयूब साहब ने लोगों से शादी में होने वाली फिजूलखर्ची को छोड़ने का आह्वान
दहेज आजकल (मौजूदा) जमाने में बुरा समझे जाने वाली चीजों में से एक बहुत ही घटिया चीज है। जिसने ना जाने कितनी लड़कियों की जिंदगी को उजाड़ कर रख दी है। जिसकी वजह से आए दिन बच्चियों की खुदकुशी की खबरें आ रहे हैं। और बहुत सी बच्चियां जवानी के वक्त में भी अपने बूढ़े मां बाप के घर बैठने पर मजबूर हैं। अगर हम मज़हब ए इस्लाम की तालीमात से दहेज का जायज़ा लें तो मालूम होगा कि इस्लाम से दूर-दूर तक दहेज़ का कोई रिश्ता नहीं है। लेकिन उसके बावजूद हमारे मुस्लिम समाज में यह लानत तेज़ी से (आम) बढ़ती जा रही है हर आदमी अपनी शादी में लड़की के घरवालों से दहेज़ के नाम पर मोटी रकम और हर तरह के सामान का मांग करता है। यहां तक कि आपने देखा होगा कि बहुत से लड़के वाले तो अपनी लालच और बेईमानी में इस कदर अंधे हो जाते हैं कि उनको अपनी ख्वाहिश के मुताबिक दहेज का इंतजाम ना होने की वजह से बारात वापस ले जाने में भी हिचकिचाहट शर्म) महसूस नहीं करते।
दहेज यह हमारे समाज में एक बड़ी बीमारी है। जिससे अपने पूरे समाज को उससे बचाना है। और इसका इलाज करना हम में से हर एक की जिम्मेदारी है।
मोहम्मद बिलाल कुरेशी ने कहा हमारे
समाज में कलंक है दहेज दूर करने में आगे आएं लोग एक मिशन लेकर चल रहे हैं
प्रदर्शन विरोधी अभियान शहर के अलग-अलग मोहल्ले तक पहुंच रहा है रविवार को बाहर वाली मस्जिद जंगल गढी सारी मियां में महिलाओं का भी बड़ा समर्थन मिला मिशन के बारे में विस्तार से बताया जल्दी यह मिशन लागू होगा एक बुराई का खत्मा होगा दहेज समाज के लिए कलंक है। आज लड़का-लड़की में कोई फर्क नहीं किया जाता। इसके बाद भी दहेज लेना जायज नहीं है। दहेज प्रथा महिलाओं में मानसिक हीनता, अवसाद का कारण बन गई है।
मोहम्मद आरिफ़ीन ने बताया हमारी टीम पूरे शहर में काम कर रही है इंशाल्लाह हमारा मिशन कामयाब होगा मिशन के उपस्थित मिशन के लोग मोहम्मद बिलाल कुरेशी हाजी अकरम कुरैशी हाजी नदीम कुरैशी मोहम्मद मोइन मोनु मोहम्मद अयाज कुरेशी हाजी नौशाद कुरेशी एस एम यामीन कुरैशी हाजी सोहेल हाजी यासीन मोहम्मद सलीम हाजी कलीम मोहम्मद शहजाद कुरैशी उपस्थित लोग समाज के मोहम्मद दिलशाद कुरैशी हाजी असलम मोहम्मद शानू कुरैशी मौलाना युसूफ साहब मोहम्मद नाजिम नौशाद नौशाद केले वाले बड़ी संख्या में उपस्थित लोग और महिलाएं रही।